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दर्शन क्या है?
दर्शन क्या है, इसका अर्थ, यह ‘Philosophy’ से कैसे भिन्न है, हमारे जीवन में इसका क्या महत्व है, एक दार्शनिक होना क्या होता है? हम इन सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
'Philosophy’ शब्द का अर्थ
प्रायः लोग ‘Philosophy’ को ‘दर्शन’ समझते है। किन्तु, यह सत्य नहीं है। ‘Philosophy’ ग्रीक के शब्द ‘Philo और Sophia’ से बना है। जिन…
भगवान के नाम की महिमा - वेद, पुराण और रामायण के अनुसार।
भगवान के नाम की महिमा का प्रचार बहुत से संतों ने तथा वेद, पुराण और रामायण तक ने किया है। कुछ लोग ऐसा सोचते है कि केवल कलियुग में ही भगवान के नाम की महिमा है, शेष ३ युग में बिना नाम के ही सब कुछ मिल जाता था? परन्तु ऐसा बिलकुल नहीं है। जो नियम आज है वो पहले भी थे और आगे भी रहेंगे। अतएव तुलसीदास जी ने कहा श्रीरामचरितमानस बालकाण्डचह…
क्यों तुलसीदास जी ने लिखा ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी? क्या सही अर्थ है?
ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥ का सही अर्थ क्या है? इस लेख को धैर्य पूर्वक पढ़े हम सभी शंकाओं का समाधान इस लेख में करने वाले है। अस्तु, गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का पारायण हम बचपन से ही करते आ रहे हैं। लेकिन समय-समय पर इसके तमाम अंशो पर सवाल उठाये जाते रहते हैं। इसमें से एक चौपाई जिसका सबस…
प्रस्थानत्रयी क्या है? ग्रंथों के नाम
प्रस्थानत्रयी क्या है, इसका अर्थ तथा कौन से ग्रंथ प्रस्थानत्रयी के अन्तर्गत है और क्यों? इस लेख में, हम प्रस्थानत्रयी से सम्बंधित इन प्रश्नों पर विस्तार से जानेंगे। प्रस्थानत्रयी सनातन धर्म का वह भाग है जो किसी सिद्धांत को सिद्ध करता है। यदि किसी सिद्धांत को प्रस्थानत्रयी द्वारा सिद्ध नहीं किया जाता है, तो वह सिद्धांत मान्य नहीं…