You Might Also Like
क्यों तुलसीदास जी ने लिखा ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी? क्या सही अर्थ है?
ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी॥ का सही अर्थ क्या है? इस लेख को धैर्य पूर्वक पढ़े हम सभी शंकाओं का समाधान इस लेख में करने वाले है। अस्तु, गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का पारायण हम बचपन से ही करते आ रहे हैं। लेकिन समय-समय पर इसके तमाम अंशो पर सवाल उठाये जाते रहते हैं। इसमें से एक चौपाई जिसका सबस…
भगवान के नाम की महिमा - वेद, पुराण और रामायण के अनुसार।
भगवान के नाम की महिमा का प्रचार बहुत से संतों ने तथा वेद, पुराण और रामायण तक ने किया है। कुछ लोग ऐसा सोचते है कि केवल कलियुग में ही भगवान के नाम की महिमा है, शेष ३ युग में बिना नाम के ही सब कुछ मिल जाता था? परन्तु ऐसा बिलकुल नहीं है। जो नियम आज है वो पहले भी थे और आगे भी रहेंगे। अतएव तुलसीदास जी ने कहा श्रीरामचरितमानस बालकाण्डचह…
श्री कृष्ण नाम की महिमा - पुराण अनुसार।
हमने आपको अबतक भगवान के नाम की महिमा।हरि नाम संकीर्तन कैसे करना चाहिये? और भगवान का नाम लेने की विधि क्या है? इन सभी लेख में विस्तार से सबकुछ बताया है। जिसका सार यह है कि भगवान ने अपने नाम में अपनी समस्त शक्तियाँ रख दी है। उनके नाम का जप और नाम संकीर्तन में भगवान का स्मरण करना जरूरी है।
वैसे तो राम और कृष्ण एक ही है इसलिए जो राम…
राजा निमि - श्राप से सम्बंधित एक कथा।
निमि, मिथिला के प्रथम राजा थे। वे मनु के पौत्र तथा इक्ष्वाकु के पुत्र थे। संस्कृत में 'निमि' का अर्थ 'पलक' होता है।
एक बार राम बोले - "हे लक्ष्मण! अब मैं तुम्हें श्राप से सम्बंधित एक कथा सुनाता हूँ। अपने ही पूर्वजों में निमि एक प्रतापी राजा थे। वे महात्मा इक्ष्वाकु के बारहवें पुत्र थे। उन्होंने वैजयन्त नामक…